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फ़रवरी, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आधा सच

आजकल वाट्स एप पर एक मेसेज बहुत चल रहा हैं कि एक बुज़ुर्ग मोबाइल वाले से कहता है कि मेरा फोन ख़राब है। दुकानदार बताता है कि आपका फोन ठीक है। बुज़ुर्ग आँखों में आंसू लिए कहता है कि फिर मेरे बच्चो के फोन क्यों नही आ रहे। इसके आगे का मेसेज पढ़िए फिर वो दुकानदार बैलेंस चेक करता है तो पाता है कि बुज़ुर्ग के फोन में 500 का बैलेंस है। दुकानदार बुज़ुर्ग के फोन से उनके बेटे/बेटी को फोन लगाता है और सारा घटनाक्रम सुनाता हैतब उस बुज़ुर्ग का बेटा/बेटी दुकानदार से उनसे बात कराने को कहता है और बुज़ुर्ग से कहता/कहती है कि पापा मैंने आपको फोन इसलिए दिया है ताकि आप जब चाहे जिस समय चाहे मुझे फोन कर सके। कोई तकलीफ हो तो बता सके। इसलिए नही कि आप मेरी मर्जी हो तभी मुझसे बात कर सके। अगर मुझे आपसे बात करने में परेशानी होती तो मै आपको फोन क्यों देता/देती। पापा आपके संस्कार हमारी रगों में है। हम किसी विदेशी सभ्यता या संस्कार वाले देश के बच्चे नही हैं। हम भारतीय हैं। हम अपने बुजुर्गो का सम्मान करना जानते हैं।मैं मानता/मानती हु कि काम क़ी व्यस्तता होने के कारन आपसे कभी कभी खुद बातचीत नही कर पाते। क्युक...

स्वयं विचार कीजिये | Please consider themselves

स्वयं विचार कीजिये :- 1-इतना कुछ होते हुए भी शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी... 👍 मौन होना सब से बेहतर है।  2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी... 👍सफेद रंग सब से बेहतर है।  3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी... 👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।  4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी.. 👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।  5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी... 👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।  6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी... 👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।  7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी... 👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतरहै। इंसान के अंदर जो समा जायें वो " स्वाभिमान " और जो इंसान के बहार छलक जायें वो " अभिमान " |

Reaction's Action | प्रतिक्रिया की क्रिया

एक प्यारे से couple को करीब 10 साल बाद एक बच्ची हुई, वो सभी आपस में खुश थे, एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे. और बच्ची तो उनकी दुलारी थी. एक सुबह, जब बच्ची करीब कुछ दो सालो की थी, तो पति ने टेबल पर एक बोतल देखि जिसका ढ़क्कन खुला हुआ था. वो काम के लिए late हो रहा था. इसलिए उसने पत्नी को बोतल का ढ़क्कन लगाने और उसे अलमारी में रखने के लिए कह कर चला गया. पत्नी जो की kitchen में अपने काम में busy थी. वो भूल ही गयी. उसका ध्यान नहीं गया. छोटी लड़की ने उस बोतल को देखा और खेल खेल में उसके पास जाकर उसे उठा लिया. उसके रंगीन रंग को देख कर खुश होते हुए उससे खेलने लगी. और उसे पूरा पी गयी… वो बोतल एक दवा की थी, जो adults के लिए वो भी कम dosages के लिए थी. उस दवा से बच्ची की हालत बहुत ख़राब हो गयी. दवा जहर की तरह असर कर रही थी. क्योंकि उसका छोटा सा शरीर सह नहीं पा रहा था.. जब उसकी माँ ने यह देखा तो वो तुरंत उसे अस्पताल ले गयी, जहाँ उसकी मृत्यु हो गयी.. उसकी माँ बहुत ही डर गयी, और सदमे में आ गयी. वो अपने पति का सामना कैसे क...