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Thought of the day - Life | सुविचार - जिंदगी

Kuch Jarurate puri, to kuch khawahishe adhuri, inhi sawalo ka santulit jawab hai  Jindagi.

Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - A Pictorial Journey - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान

Main Gate - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Temple full view  - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Temple Front view - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Side View of Temple - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Temple close view  - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Front close view of temple  - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Side view from gate - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Parking view -  - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath - श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ - राजस्थान Parking view outside of temple  - Jain temple Shri Nageshwar Parshvnath

माता त्रिशला 14 स्वप्न - 14 Auspicious Dreams (Swapna) of Trishala Mata

We all have dreams, and sometimes when we wake up we want to know what those dreams meant. TrishalaMata, the mother of Lord Mahavir had 14 dreams when Lord Mahavir was going to be born. These are depicted and the indication of all these dreams was that the child to be born would be very strong, courageous, and filled with virtues. He would be very religious and would become a great king or a spiritual leader. He would reform and restore the religious order and guide all the creatures of the universe to attain salvation. He would also be liberated

Jain temple Mandu - A Pictorial Journey | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश

Temple domb inner view - Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Temple Front gate view - Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Side view of temple - Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Scenic view - Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Main Gate board - Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Dharmashala - Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Parking view - Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Architecture view of Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश Jain temple Mandu  | जैन मंदिर - मांडवगढ़, मध्य प्रदेश

तुम तो क्या? तुम्हारे जैसे किसी औरघर में भी में गोचरी नहीं लूंगा।

तुम तो क्या? तुम्हारे जैसे किसी और घर में भी में गोचरी नहीं लूंगा। https://youtu.be/B3XUbo2MoHk

28 Akhand Jyoti Jain Mandir, Jodhpur, Rajasthan

A video journey of  28 Akhand Jyoti Jain Mandir, Jodhpur, Rajasthan जहाँ जून, 1993 से 28 अखंड ज्योति दीपक  (27 शुद्ध घी व एक मूंगफली के तेल से) चोबीस घंटे  (Round the Clock)  प्रज्वलित है | विस्मय है –  इन सभी ज्योतियों में जून 1993 से काले काजल की अपेक्षा पीला चन्दन एवं नवम्बर, 2008 से इन ज्योतियों में केसर की पंखुडियाँ झुलती हुई दिखाई देने लगी है | अति विस्मय है-  मूंगफली के तेल से प्रज्वलित एक ज्योति में अत्यंत केसरिया रंग का चन्दन एकत्रित होता हैं | जबकि घी के दीपक की अपेक्षा तेल का दीपक सर्वाधिक कला होना चाहिए | अति अति विस्मय-  जहाँ ज्योति में जून 2009 से सफ़ेद चन्दन एकत्रित होता है| अ)  वैदिक धर्मशास्त्रों के अनुसारसफ़ेद चन्दन के वृक्ष – जंगल केवल देवलोक में ही उपलब्ध हैं | देवलोक में देवता भगवान शिव की पूजा सदैव सफ़ेद चन्दन से किया करते हैं | यही कारण हैं की पृथ्वीलोक में भगवन शिव पर ॐ की आकृति सफ़ेद रंग में ही अंकित की जाती हैं | ब)  जैन मतानुसार सफ़ेद चन्दन के वृक्ष – जंगल  मे मल्यागिरी पर्वत में है | इसी जंगल में माँ चक्रेश्वरी का निवास है और इस मंदिर में केसरिया कुंथुनाथ से माँ

श्री गिरिराज पर दादा आदिनाथ की 489 वी ध्वजा रोहण का लाइव प्रसारण

श्री गिरिराज पर दादा आदिनाथ की 489 वी ध्वजा रोहण का लाइव प्रसारण The Giriraj /  Palitana / Shatrunjaya jain temples  of  Jainism  are located on  Shatrunjaya  hill by the city of  Palitana  in  Bhavnagar district ,  Gujarat ,  India . The city of the same name, known previously as Padliptapur, has been dubbed "City of Temples".  Shatrunjaya means a " place of victory against inner enemies " or " which conquers inner enemies ".

सूर्य तिलक, भगवान महावीर स्वामी कोबा तीर्थ, गुजरात, भारत Surya Tilak, Koba Jain Tirth, Gujarat

सूर्य तिलक, भगवान महावीर स्वामी कोबा तीर्थ, गुजरात, भारत Surya Tilak, Koba Jain Tirth, Gujarat

ओ माँ... मुमुक्षु अमिता दीदी का दीक्षा के पूर्व अपनी मां से अद्भुत मिलन का नजारा हिंडौन सिटी

सूर्य तिलक, भगवान महावीर स्वामी कोबा तीर्थ, गुजरात

सूर्य तिलक, भगवान महावीर स्वामी कोबा तीर्थ, गुजरात आज 22 मई 2020 दोपहर के 2:07 पर गुजरात के कोबा तीर्थ पर भगवान महावीर स्वामी जी की  प्रतिमा के मस्तक पर सूर्य की किरण का लाइव वीडियो देखें विविध रूपों मे आनंद लीजिये। https://youtu.be/cxapmZByq6Y Surya tikal us unique event in which sunrays directly appears on forehead of loard Mahavir in koba Jain Tirth near ahemdabad in gujrat state of India.

Bruhand Shanti , Badi Shanti , Moti Shanti , Jain Shanti Path Lyrics

भो भो भव्या! श्रृणुत वचनं, प्रस्तुतं सर्वमेतद्, ये यात्रायां त्रि-भुवन गुरो-रार्हता! भक्ति-भाजः! तेषां शांतिर्भवतु भवतामर्हदादिप्रभावा, दारोग्य-श्री धृति-मति-करी क्लेशविंध्वंस- हेतुः ॥1॥ भो भो भव्यलोकाः इह हि भरतैरावतविदेहसंभवानां समस्ततीर्थकृतां जन्मन्यासन-प्रकम्पानन्तर-मवधिना विज्ञाय, सौधर्माधिपतिः सुघोषा घण्टा-चालनानन्तरं सकल-सुराऽसुरेन्द्रैः सह समागत्य सविन-मर्हद् भट्टारकं गृहीत्वा, गत्वा कनकाद्रिश्रृंगे विहितजन्माभिषेकः शांतिमुद्घोषयति यथा, ततोऽहम्‌ कृतानुकारमिति कृत्वा महाजनो येन गतः स पन्था:, इति भव्यजनैः सहसमेत्य, स्नात्रपीठे स्नात्रं विधाय, शांतिमुद्घोषयामि, तत्‌ पूजा-यात्रा स्नात्रादि-महोत्सवानन्तरमिति कृत्वा कर्णं दत्वा निशम्यतां निशम्यतां स्वाहा || 2 || ॐ पुण्याऽहं पुण्याऽहं, प्रियंतां प्रीयन्तां भगवन्तोऽर्हन्तः सर्वज्ञाः सर्वदर्शिनस्त्रिलोक नाथास्त्रिलोक-महतास्त्रिलोकपूज्या-स्त्रिलोकेश्वरा-स्त्रिलोकोद्योतकराः || 3 || ॐ ऋषभ-अजित-संभव-अभिनंदन-सुमति पद्मप्रभ-सुपार्श्व-चंद्रप्रभ- सुविधि-शीतल-श्रेयांस-वासुपूज्य-विमल-अनन्त-धर्म-शांति-कुन्थु-अर- मल्लि-मुनिसुब्रत नमि-नेमि-पार्श्व

तपस्वीरत्न पूज्य आचार्यदेव हंसरत्न सूरीश्वरजी म.सा. 95 उपवास के पचक्खाण् का वीडियो

दिव्य तपस्वी...  धन्य तपस्वी... वीर तपस्वी... राजप्रतिबोधक पूज्य आचार्यदेव विजय रत्नसुंदर सूरीश्वरजी म. के मंगल आशीर्वाद से संपूर्ण विश्व कोरोना मुक्त हो ऐसी  शुभ भावना और दृढ़ संकल्प के साथ 95 वें उपवास की ओर अग्रसर  9 मई 2020 80 उपवास के उपरांत आज सुबह 15 उपवास का पच्चक्खाण लिए तपस्वीरत्न पूज्य आचार्यदेव हंसरत्न सूरीश्वरजी म.सा.  के चरणों में कोटि कोटि वंदन... कल्पनतीत है आपका मनोबल ••• अद्भूत है आपकी गुरु भक्ति ••• वंदनीय है आपकी विश्व कल्याण की भावना ••• धन्य धन्य हे मुनिवरा ••• धन्य धन्य जिन शासन के शूरवीरा ••• https://youtu.be/_zj1LL4Sd6I भायखला-मुंबई

aaj ravivar hai, bhairav tera var hai आज रविवार है , भैरव तेरा वार है

आज रविवार है , भैरव तेरा वार है सच्चे  मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है                           ......आज रविवार है  मेवानगर का राजा तू तो , डुंगरिया का वासी  डुंगरिया का रक्षक बनकर,बैठा मस्त दीवाना                          .......आज रविवार है. मस्तक मुकुट कानो मैं कुंडल, गले मोतियाँ की माला  जग मग जग मग अंगिया सोहे, मुखड़ा पूनम चंदा हो                           ........आज रविवार है. धुप दीप से पूजा तेरी, मनोहारी सी लगती है.. पुष्प सुगंदिथ चंपा चमेली,अर्पित चरनन करते है                              ........आज रविवार है. मन की तम्मना पूरी करता, भक्तो का रखवाला रे चिंता चूरन आशा पूरण, कर्तन भेरव नाथ रे                              ........आज रविवार है. मेवा नगर के वासी हो, तुम इन्द्र पूरी मैं विराजे हो  दूर दूर से आते आते दर्शन कर हर्षाते हो                               ........आज रविवार है. करता सेवक अरज चरण मैं, आशा पूरण कर्जो जी नाकोडा दरबार की विंनती , भक्तो की लाज रखना जी                               ........आज रविवार है.

Shri Parshv padmawati mahapoojan Highlights श्री पार्श्व पद्मावती महापूजन्

श्री पार्श्व पद्मावती महापूजन् Shri Parshv padmawati mahapoojan Highlights https://youtu.be/nxzeaH-yMl0 Link YouTube   Please like, subscribe and share 🙏🏻🙏🏻

varshitap - Akshay Tratiya - वर्षीतप अक्षय तृतीया

🙏🏼।। " वर्षीतप " ।।🙏🏼 " वर्षीतप " है प्रभू आदिनाथ को, पूर्व भव के अनजाने किए कर्म के बदले मिली " संवेदना ", इक्षू रस  वोहराकर संपन्न पारणेसे जगी आहार दान की सर्वोत्कृष्ट अहोभाव की चेतना । दादा आदेश्वर से पाई हुई यह है जीनधर्म प्रसार की सर्वोपरी प्रेरणा , यह तप है जिनशासन की सर्वोत्तम संयमी बेजोड साधना । भगवान् ऋषभदेव  के काल से चल रही यह है अखंड तपो आराधना , सदियों से अनगिनत तपस्वियों द्वारा की गई यह है मंगल धर्म प्रभावना  । " जैनम् जयती शासनम् " के प्रति समर्पित भावसे की हुई यह है अन्तःकरण की धारणा , " अक्षय तृतीया " के पावन अवसर पर वीर तपस्वी करते है तपसमापन पारणा  । सभी तपस्वीयों के " वर्षी तप " की हम भावपूर्वक करते है अनुमोदना , इस महान तप के आराधकोंकेब चरणों मे हमारी भावभरी कोटी कोटी वंदना, कोटी कोटी वंदना ।।👏🏼

Nakoda Bhairav Aarti | श्री नाकोडा भैरवजी की आरती

ॐ जय जय जयकारा, वारी जय जय झंकारा, आरति उतारो भविजन मिलकर, भैरव रखवाला, वारी जीवन रखवाला ॐ जय जय जयकारा ।।1।। तुं समकित सुरनर मन मोहक, मंगल नितकारा, वारी मं., श्री नाकोडा भैरव सुंदर, जन मन हरनारा, ॐ जय जय जयकारा ।।2।। खडग त्रिशुल धर खप्पर सोहे, डमरु कर धारा, वारी ड., अद्भूत रुप अनोखी रचना, मुकुट कुंडल सारा, ॐ जय जय जयकारा ।।3।। ॐ ह्रीँ क्षाँ क्षः मंत्रबीज युत, नाम जपे ताहरा, वारी ना., रिद्धि सिद्धि अरु सम्पद मनोहर, जीवन सुखकारा, ॐ जय जय जयकारा ।।4।। कुशल कर तेरा नाम लिया नित, आनन्द करनारा, वारी आ., रोग शोक दुःख दारिद्र हरता, वांछित दातारा, ॐ जय जय जयकारा ।।5।। श्रीफल लापसी मातर सुखडी, लड्डु तेलधारा वारी ल., धुप दीप फूल माल आरति, नित नये रविवारा, ॐ जय जय जयकारा ।।6।। वैयावच्च करता संघ तेरी, ध्यान अडग धारा, वारी ध्या., ‘हिंमत’ ‘हित’ से चित में धरता, ‘भव्यानंद’ प्यारा, ॐ जय जय जयकारा ।।7।। दो हजारके शुभ संवत्सर, पोष मास रसाला, वारी पो., श्री संघ मिलकर करे आरति, मंगल शिव माला, ॐ जय जय जयकारा ।।8।। आज रविवार है Click to view --> 

श्री नाकोडा भैरव चालीसा | Nakoda bhairav chalisa

प्रत्यक्ष प्रभावी संकट मोचक  श्री नाकोडा भैरव चालीसा  आज जरूर करे दोहा ! पार्श्वनाथ भगवान की मूरत चित बसाय भैरव चालीसा पढ़ूँ गाता मन हर्षाय।। नाकोडा भैरव सुखकारी, गुण गाये ये दुनिया सारी ॥१॥ भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर – नारी ॥२॥ जिनवर के हैं आज्ञाकारी, श्रद्धा रखते समकित धारी ॥३॥ प्रातः उठ जो भैरव ध्याता, ऋद्धि सिद्धि सब संपत्ति पाता ॥४॥ भैरव नाम जपे जो कोई, उस घर में निज मंगल होई ॥५॥ नाकोडा लाखों नर आवे, श्रद्धा से परसाद चढावे ॥६॥ भैरव – भैरव आन पुकारे, भक्तों के सब कष्ट निवारे ॥७॥ भैरव दर्शन शक्ति – शाली, दर से कोई न जावे खाली ॥८॥ जो नर नित उठ तुमको ध्यावे, भूत पास आने नहीं पावे ॥९॥ डाकण छूमंतर हो जावे, दुष्ट देव आडे नहीं आवे ॥१०॥ मारवाड की दिव्य मणि हैं, हम सब के तो आप धणी हैं ॥११॥ कल्पतरु है परतिख भैरव, इच्छित देता सबको भैरव ॥१२॥ आधि व्याधि सब दोष मिटावे, सुमिरत भैरव शान्ति पावे ॥१३॥ बाहर परदेशे जावे नर, नाम मंत्र भैरव का लेकर ॥१४॥ चोघडिया दूषण मिट जावे, काल राहु स