आज रविवार है , भैरव तेरा वार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है
......आज रविवार है
मेवानगर का राजा तू तो , डुंगरिया का वासी
डुंगरिया का रक्षक बनकर,बैठा मस्त दीवाना
.......आज रविवार है.
मस्तक मुकुट कानो मैं कुंडल, गले मोतियाँ की माला
जग मग जग मग अंगिया सोहे, मुखड़ा पूनम चंदा हो
........आज रविवार है.
धुप दीप से पूजा तेरी, मनोहारी सी लगती है..
पुष्प सुगंदिथ चंपा चमेली,अर्पित चरनन करते है
........आज रविवार है.
मन की तम्मना पूरी करता, भक्तो का रखवाला रे
चिंता चूरन आशा पूरण, कर्तन भेरव नाथ रे
........आज रविवार है.
मेवा नगर के वासी हो, तुम इन्द्र पूरी मैं विराजे हो
दूर दूर से आते आते दर्शन कर हर्षाते हो
........आज रविवार है.
करता सेवक अरज चरण मैं, आशा पूरण कर्जो जी
नाकोडा दरबार की विंनती , भक्तो की लाज रखना जी
........आज रविवार है.
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