श्री नीलवर्णा पार्श्वनाथ भगवान की अलोकिक और मनभावन यह प्रतिमा जी...सुपार्श्वनाथ भगवान के प्रमुख तीर्थ स्थल मांडवगड़ m.p. में स्थित हे... यह प्रतिमा जी मूलनायक भगवान के मंदिर के निचे बने तलघर में हे.. http://jainismSansar.blogspot.com/ #jainismSansar #jaintravel #jaintemple #mptourism #madhyapradesh #toursim #indiatourism #mandav #mandu #mandavgarh #mp #jainism #jain #parahvnath #tirthankar #jaintirth #blue #nilvarna #bhagwan
सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह जन्म से जैन होना भी सौभाग्य की बात है, पर उससे भी परम सौभाग्य की बात है.. जीवन में दया, क्षमा, सत्य, शील, संतोष, सदाचार आदि जैनत्व के संस्कार आना