जैन धर्म के क्रांतिकारी मुनी श्री तरुण सागर जी के अंतिम दर्शन मुनी श्री ने अपने कड़वे प्रवचन द्वारा सब के दिलो में मिठास भर दी थी. तारीख : ०१/०९/२०१८ भावपूर्ण श्रद्धांजलि 🙏🏻 जय जिनेनद्र🙏🏻
सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह जन्म से जैन होना भी सौभाग्य की बात है, पर उससे भी परम सौभाग्य की बात है.. जीवन में दया, क्षमा, सत्य, शील, संतोष, सदाचार आदि जैनत्व के संस्कार आना