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संदेश

सितंबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रभु सम्मुख बोलने की स्तुतियाँ

दर्शनं देव देवस्य , दर्शनं पाप नाशनं ,  दर्शनं स्वर्ग सोपानं , दर्शनं मोक्ष साधनं।।

Shri Sahastraphana Parshvanath | श्री सहस्त्रफ़णा पार्श्वनाथ

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Time and its importance

वक़्त जैसा भी हो बदलता जरूर है, इसलिए अच्छे वक़्त में ऐसा काम ना करे, की लोग बुरे वक़्त में आपका साथ छोड़ दे।  for more click here

Thought of The Day

Positive Thought - Thought of Day

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SMS | Uttam Kshama | उत्तम क्षमा

SMS related to day for celebrating Uttam Kshama meaning Supreme Forgiveness. क्षमावाणी क्षमापना का एक महापर्व है| दशलक्षण महापर्व के दस दिन दस सिद्धांतो को मानते हुए हम दसवे दिन क्षमावाणी का पर्व मानते है| इस दिन जैन समाज का हर सदस्य अपने मित्रो, रिश्तेदारों से मन, वचन, काय से क्षमा मांगते है | uttam kshama जाने अनजाने में, हमारे द्वारा हुई भूलो के लिये हम ह्रदय से दोनों हाथ जोड़कर क्षमा प्राथी है | उत्तम क्षमा | जाने अनजाने में हम से कोई भूल हुई या हमने आपका दिल दुखाया हो तो मन, वचन, काया से “ उत्तम क्षमा ” समभाव रखते हुए “ पर्युषण ” महापर्व पर हम आपसे मन, वचन, काया से “ क्षमा याचना ” करते है | जय जिनेन्द्र भूल से अगर कोई भूल हो गई , तो भूल समझकर भूल जाना, मगर भूलना सिर्फ भूल को, भूल से हमें मत भूल जाना | उत्तम क्षमा कर जाते है शरारत क्योंकि थोड़े शैतान है हम, कर देते है गलती क्योंकि इन्सान है हम | ना लगाना हमारी बातों को दिल से, आपको तो पता है कितने नादान है हम | उत्तम क्षमा जाने में अनजाने में , मन के व...

Uttam Kshama । उत्तम क्षमा

The day for celebrating Uttam Kshama meaning Supreme Forgiveness. ~:  Shloka :~ पीडैं दुष्ट अनेक, बांध मार बहु विधी करै । धरिये छिमा विवेक, कोप ना कीजिये पीतमा ॥ उत्तम छिमा गहो रे भाई, इह भव जस पर भव सुखदाई । गाली सुनि मन खेद ना आनो, गुन को औगुन कहे अयानो ॥ कहि है अयानो वस्तु छीने, बांध मार बहु विधि करै । घरतैं निकारे तन विदारै, बैर जो ना तहा धरै ॥ जे करम पूरब किये खोटे, सहै क्यों नहिं जीयरा । अति क्रोध अगनि बुझाय प्रानी, साम्य-जल ले सीयरा ॥

दशलक्षण महापर्व के दस लक्षण

त्याग का महापर्व  दशलक्षण  पर्व  के दस लक्षण उत्तम क्षमा  उत्तम मार्दव  उत्तम आर्जव  उत्तम सत्य   उत्तम शौच  उत्तम संयम  उत्तम तप  उत्तम त्याग  उत्तम अंकिचन  उत्तम ब्रह्मचर्य Dashlakshan Mahaparv and Ten signs of dashlakshan Parv

jai guru Mishrimal Ji

Indian government release Rs. 1 post stamp in honor of Pujya Gurudev Rashtra Shiromani Mishrimal ji Maharaja saheb in 1991. भारत सरकार द्वारा पूज्य गुरुदेव, रास्ट्र शिरोमणि, परम पूज्य श्री मिश्रिमल जी मा. सा. के सम्मान में भारतीय डाक विभाग का रूपये 1 का डाक टिकिट जारी किया गया ...

Jain

खुश किस्मत हूँ जैन धरम में जनम मिला। खुश किस्मत हूँ महावीर का मनन मिला॥ मनन मिला है चोबीसों भगवानो का।    सार मिला है आगम-वेद-पुराणों का॥ जैन धरम के आदर्शो पर ध्यान दो। महा...

Trishala Mata 14 Dreams

Lord Mahaveer Swami

sukh sata sa.

Divine Message from Lord Mahaveer

भगवान महावीर का दिव्य सन्देश - जियो और जीने दो ।

Lord Mahaveer Kalyanak

Lord Mahaveer Kalyanak 1) Chavyan  kalyanak 2) Saharan  kalyanak 3) Janam kalyanak 4) Diksha Kalyanak 5) Nirvan Kalyanak 6) Keval Gyan  kalyanak Lord Mahaveer Kalyanak

पर्युषण का अर्थ है?

पर्युषण का अर्थ है – परिवसना – अर्थात आत्मा के निकट रहना Meaning of Paryushan Parv Click for More Details on Paryushan

अणु कृपा

जय गुरुदेव । Jai Gurudev

Micchami Dukkadam

micchami dukkadam

sukh sata sa. सुख साता सा. ।

पर्युषण पर्व के पावन अवसर पर सभी तपस्वियों का शत शत वंदन अभिनन्दन । Sukh Sata Sa. jainism sansar

Welcome Parv Paryushan

पर्व पर्युषण की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ । Happy Jain Paryushan Parv

Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Micchami Dukkadam | मिच्छामी दुक्कडम

There may be a time when your Jain colleagues, friends or neighbors come to you and say “ Micchami Dukkadam ” (seek forgiveness) with joined hands. You must have wondered what does this mean and why is he/she saying it to me?  On the final day of Paryushan is Samvastsari Pratikraman (ritual for washing away sins). Jains seek forgiveness from all the creatures whom they may have harmed knowingly or unknowingly by uttering the phrase— Micchami Dukkadam. It means "If I have caused you offence in any way, knowingly or unknowingly, in thought, word or deed, then I seek your forgiveness". No private quarrel or dispute may be carried beyond Samvatsari, and traditionally, letters have been sent and telephone calls made to friends and relatives asking their forgiveness.  Svetambara and Digambara are two major sects of Jain religion. Shvetambars observe the ritual over 8 days and Digambars over 10 days. It takes place during the monsoon season (Chaturmas), when travelling barefoot ...

Prabhu Samvatsaran

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