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नवंबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Jinvaani 13 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani 13 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes Jeevan ka sabse bada apradh -  kisi ki aankh me aansu aapki vajah se hona. aur Jeevan ki sabse badi uplabdhi -  kisi ki aankh ne aansu aap k liye hona || For more Click " Suvichar "

Jinvaani 12 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani 12 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथोड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता। _____________________________ Jindagi Jeena aasan nahi hota; Bina sangharsh koi mahan nahi hota; Jab tak naa pade hathode ki chot; patthhar bhi bhagwan nahi hota || For more Click " Suvichar "

Jinvaani 11 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani 11 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes Jindagi me do cheej hamesha tutne ke liye hoti hai: "Sans aur Sath" Sans tutne se to insan 1 baar hi marta hai; par kisi ka sath tutne se insan pal pal marta hai || For more Click " Suvichar "

Jinvaani 10 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani 10 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes Ishwar ka diya kabhi alp nahi hota; Jo tut jaye wo sankalp nahi hota; har ko lakshya se dur hi rakhna; kyonki Jeet ka koi vikalp nahi hota || For more Click " Suvichar "

Father - A Real Hero

Father - A Real Hero हर बात को तुम भूलों मगर माँ बाप को मत भूलना।

Navkar - महामंत्र नवकार

णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं। एसो पंच णमोक्कारो, सव्व पाव-प्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं॥ नमस्कार महामंत्र का जप किसी भी परिस्थिति या अवस्था में किया जा सकता है। इसके स्मरण मात्र से दुख दूर होते हैं। समस्त साधु-भगवंत नवकार महामंत्र (णमोकार महामंत्र) का जाप करते हैं।  

दीपावली का महत्त्व - dipawali - diwali

कार्तिक अमावस्या की रात्रि पावानगरी की पुण्यभूमि पर तीर्थंकर महावीर भगवान् ने अपने सभी कर्मों का क्षय किया और सिद्ध-बुद्ध-मुक्त हुए।। एक प्रचंड ज्ञान ज्य ोति सहसा लुप्त हो गयी, संसार में सघन अन्धकार छा गया। क्षण भर के लिए स्वर्ग भी अन्धकार में व्याप्त हो गया। इधर ज्ञान का दिव्य भास्कर अस्त हो गया, प्रकृति भी अन्धकार फैला रही थी, अत: उस अन्धकार को दूर करने के लिए देवताओं ने रत्नों के दीपक जलाकर प्रकाश किया। भगवान् कर्म-बंधनों से मुक्त होकर निर्वाण को प्राप्त हुए अत: उनका देहत्याग भी उत्सव के रूप में परिणत हो गया। देवताओं के गमना-गमन से भूमंडल आलोकित हो गया। मनुष्यों ने भी दीपक जलाये, चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश फैल गया। तब से कार्तिक अमावस्या को प्रभु महावीर निर्वाण कल्याणक के दिन दीपावली पर्व मनाया जाने लगा।। भगवान् महावीर निर्वाण कल्याणक एवं दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ  ।।