आ वखते पर्युषण महापर्वमा महावीर जन्म वांचनना दिवसे जेओ प्रतिक्रमणमाँ हालरडु बोलवाना होय तेओ माटे खास आजथी ज तैयारी करवा लागो चरम तिर्थाधिपती श्रमण भगवान महावीरनु हालरडु। माता त्रिशला ज़ुलावे पुत्र पारणे ...., गावे हालो हालो हालरवाना गीत , सोना - रुपाने वळी रतने जडियु पारणु ... रेशम दोरी घुघरी वागे छुम छुम रित ... हालो हालो हालो हालो म्हारा नंदने रे .....1 जिनजी पार्श्व प्रभुथी वरश अढीसे अंतरे , होंसे चोविसमो तीर्थंकर जिन परिमाण , केशी स्वामी मुखथी एवी वाणी सांभळी , साची साची हुई ते म्हारे अमृत वाण ..... हालो हालो हालो हालो म्हारा नंदने रे .....2 चौदे स्वप्ने होवे चक्रि के जिनराज , वित्या बारे चक्री नही हवे चक्रिराज , जिनजी पार्श्व प्रभुना श्री केशी गणधार , तेहने वचने जाण्या चोविसमा जिनराज , हालो हालो हालो हालो म्हारा नंदने रे
सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह जन्म से जैन होना भी सौभाग्य की बात है, पर उससे भी परम सौभाग्य की बात है.. जीवन में दया, क्षमा, सत्य, शील, संतोष, सदाचार आदि जैनत्व के संस्कार आना