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Suvichar - Mahavir Sandesh

खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों
शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर हैं।।
सुविचार - जैनिज़्म संसार
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फागुनी तेरस और उसका महत्व ~ छः गांव की यात्रा का विवरण

*⛰️कितने सालों से चली आ रही है ?* छ गाउं की यात्रा में कौन से स्थल आते है । 🛕यानी मंदिर . भगवान नेमिनाथ के समय हुवे हुए। कृष्ण महाराजा के पुत्रों में शाम्ब और प्रध्युमन नाम के दो पुत्र थे। भगवान नेमीनाथ की पावन वाणी सुनकर शाम्ब -प्रध्युमन जी को वैराग्य हुआ। भगवान के पास दीक्षा लेकर परमात्मा की आज्ञा लेकर शत्रुंजय गिरिराज के उपर तपस्या और ध्यान करने लगे । अपने सभी कर्मो से मुक्त होकर *फागण सुदी तेरस के दिन शत्रुंजय गिरिराज के भाडवा के पर्वत* के ऊपर से मोक्ष – मुक्ति पाये थे उन्हीं के दर्शन करने के लिए . लगभग 84 हजार वर्षों से यह *फागण के फेरी* चल रही है फागण के फेरी में आते हुए दर्शन के स्थल. दादा के दरबार मे से निकल ने बाद रामपोल दरवाजे *छ गाउ की यात्रा प्रारंभ* होती है . उसमें 5 दर्शन के स्थल है *1 – 6 गाउ की यात्रा* प्रारंभ होती ही 100 पगथिया के बाद ही देवकी माता के 6 पुत्र का समाधि मंदिर आता है वो यहा मोक्ष गयें थे . [कृष्ण महाराज के 6 भाई का मंदिर] *2- उलखा जल* नाम का स्थल आता है . (जहां दादा का पक्षाल आता है ऐसा कहते हे वो स्थल ) यहां पर आदिनाथ भगवान के पगले है *3- चं...

माता त्रिशला 14 स्वप्न - 14 Auspicious Dreams (Swapna) of Trishala Mata

We all have dreams, and sometimes when we wake up we want to know what those dreams meant. TrishalaMata, the mother of Lord Mahavir had 14 dreams when Lord Mahavir was going to be born. These are depicted and the indication of all these dreams was that the child to be born would be very strong, courageous, and filled with virtues. He would be very religious and would become a great king or a spiritual leader. He would reform and restore the religious order and guide all the creatures of the universe to attain salvation. He would also be liberated

Ashtamangal – 8 Auspicious Jain Symbols

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