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अक्तूबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Shri Ajhara Parshvanath | श्री अझारा पार्श्वनाथ

धर्नेंद्र  पद्मावती  परी -पूजिताय  श्री  अझारा पार्श्वनाथाय  नमः Click for more About  पार्श्वनाथ

Shri Omkar Parshvnath | श्री ॐकार पार्श्वनाथ

धर्नेंद्र - पद्मावती  परी -पूजिताय  श्री  ॐकार पार्श्वनाथाय  नमः Click for more About  पार्श्वनाथ

wallpaper Shri Rishbha dev Ji

प्रभु दर्शन - जय जिनेन्द्र आदिदेव अलवेसरु, विनितानो राय नाभिराया कुल्मंडणो मरुदेवा माय । Click here " Wallpapers " for more

Jinvaani 9 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Pratyek ko apni hi unnati me santust na rahna chahiye, kintu sabki unnati me apni unnati samzni chahiye. For more Click " Suvichar "

Jinvaani 8 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Sab kaam dharmanusar (nyaypurvak) arthat satya aur asatya ko vichar karke karna chahiye. For more Click " Suvichar "

Pujya Gurudev Umesh Muni Ji "Anu"

जय गुरुदेव । Pujya  Gurudev Umesh Muni Ji "Anu" कमेंट बॉक्स में जय गुरु उमेश "अणु" अवश्य लिखे। जय गुरुदेव । Jai  Gurudev

Jinvaani 7 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani 7 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes Jeevan ke van me shanti ke suman khilana ho, to man ke upvan me "Jin Vachan" rupi neer nitya shichana hoga | For more Click " Suvichar "

Biography of Aacharya Shri Navratna SagarJi Ma. Sa. | आचार्य श्री नवरत्न सागर जी मा. सा. का जीवन परिचय

आचार्य श्री नवरत्न सागर जी मा. सा. का जीवन परिचय  संसारी नाम  -                रतन पोसित्रा (पोरवाल) माता जी का नाम -                मणि बेन पिता जी का नाम -                लालचंद जी जन्म दिवस -                चैत्र   वदी ३ , विक्रम संवत १९९९ जन्म स्थान -                राजग्रही (राजगढ़ ) (म.प्र. ), गच्चाधिपति का नाम -               आचार्य दौलातसागर जी मा. सा. दीक्षा गुरु -                मालवदेश उद्धारक आचार्य श्री चन्द्र सागर जी मा. सा. दीक्षा स्थल -              राजग्रही (राजगढ़ ) (म.प्र. ), गच्छ -                तपागच्छ समुदाय  -                आचार्य श्री सगरानंद सूरी जी प्रतिष्ठा -                शंखेश्वर आगम मंदिर सहित लगभग १२५ मंदिरों की प्रतिष्ठा करवाई   अंजनशलाका -                भक्ताम्बर महातीर्थ, धार (म.प्र. ) , शंखेश्वर आगम मंदिर आदि। नूतन जिनालय -                भक्ताम्बर महातीर्थ, धार (म.प्र. ) , शंखेश्वर आगम मंदिर। जीर्णोद्धार -                भोपावर महातीर्थ, गिनकार गिरी तीर्थ, श्री सिद्धचक्र मंदिर उज्जैन, आदिनाथ जैन मंदिर

Jinvaani 6 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani | Suvichar | Inspirational Quotes Nirasha Ki nisha me ' Navkar ' hi ek aasha ki kiran hai For more Click " Suvichar " आपकी   रचनाओं   का   स्वागत   है आप   अपनी   मौलिक   एवं   अप्रकाशित   रचनाओं   को   जैनिज़्म संसार   में   प्रकाशनार्थ   टंकित   रूप   में   ई - मेल   द्वारा   भेज   सकते   हैं ई - मेल   पता   -  anshul.mehta.soft@gmail.com   संपादन   एवं   प्रकाशन   पूर्णतः   अवैतनिक   एवं   अव्यावसायिक   होने   के   कारण   प्रकाशित   रचनाओं   पर   मानदेय   का   कोई   प्रावधान   नहीं   है   ।   इसमें   प्रकाशन   के   बाद   आप   अपनी   रचनाएँ   किसी   भी   मुद्रित   माध्यम   के   लिए   अवश्य   भेज   सकते   हैं   ।   अन्यत्र   इस   सामग्री   का   उपयोग   करने   पर  जैनिज़्म संसार   के   सौजन्य   का   उल्लेख   अवश्य   कीजिए   ।

Shri Shankeshver Parshvanath | श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ

धर्नेंद्र  पद्मावती  परी -पूजिताय  श्री  शंखेश्वर पार्श्वनाथाय  नमः Click for more About  पार्श्वनाथ

Shri Nageshvar Parshvanath | श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ

धर्नेंद्र - पद्मावती  परी -पूजिताय  श्री  नागेश्वर पार्श्वनाथाय  नमः Click for more About  पार्श्वनाथ

Jinvaani 5 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani | Suvichar | Inspirational Quotes Sakkar me ekakar bane bina aaj tak koi bhi Nirakar nahi ban paya hai | For more Click " Suvichar "

Jinvaani 4 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

JenVaani Suvichar | Inspirational Quotes Yaad Rakhiye -  sanyam ke sopan se hi siddhi ke shikharo tal  pahuchane wale bante hai | For more Click " Suvichar "

Jinvaani 3 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani | Suvichar | Inspirational Quotes Mukti ki prapti pramad se nahi, Guru ke prasad se hoti hai | For more Jinvani Click " Suvichar "

Jinvaani 1 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

jinvaani Suvichar Vassta Jiska Mukti se ho aur aastha jiski achal ho, Use rasta to kya manjil bhi mil sakti hai | For more Click " Suvichar "

Jinvaani 2 | Suvichar | सुविचार | inspirational quotes

Jinvaani | Suvichar | Inspirational Quotes Virat vishv me vichakshan vyakti to wahi kehlayega, jo jeevan ke kshan - kshan ka nirikshan kare | for more Jeenvani click " Suvichar "

Jai Jai aarti Aadijinanda | जय जय आरति आदि जिणंदा

जय जय आरति आदि जिणंदा,  नाभिराया मरुदेवी को नंदा ।। 1 ।। पहेली आरति पूजा कीजे,  नरभव पामीने लाहो लीजे ।। 2 ।। दुसरी आरति दीन दयाला,  धुळेवा मंडपमां जग अजवाळा ।। 3 ।। तीसरी आरति त्रिभुवन देवा,  सुरनर इन्द्र करे तोरी सेवा ।। 4 ।। चोथी आरति चउगति चुरे,  मनवांछित फल शिवसुख पुरे ।। 5 ।। पंचमी आरति पुन्य उपाया,  मूळचन्दे ऋषभ गुण गाया ।। 6 ।। For more aarti click " आरती "

Mangal Dipak (Divo) | मंगळ दीपक (दीवो) आरती

दीवो रे दीवो प्रभु मंगलिक दीवो,  आरति उतारण बहु चिरंजीवो ।। 1 ।। सोहामणुं घेर पर्व दीवाळी,  अम्बर खेले अमरा बाळी ।। 2 ।। दीपाळ भणे एणे कुल अजुआळी,  भावे भगते विघन निवारी ।। 3 ।। दीपाळ भणे एणे ए कलिकाळे,  आरति उतारी राजा कुमारपाळे ।। 4 ।। अम घेर मंगलिक तुम घेर मंगलिक,  मंगलिक चतुर्विध संघने होजो ।। 5 ।। For more aarti click " आरती "

Nakoda Bhairav Aarti | श्री नाकोडा भैरवजी की आरती

ॐ जय जय जयकारा, वारी जय जय झंकारा, आरति उतारो भविजन मिलकर, भैरव रखवाला, वारी जीवन रखवाला ॐ जय जय जयकारा ।। 1 ।। तुं समकित सुरनर मन मोहक, मंगल नितकारा, वारी मं., श्री नाकोडा भैरव सुंदर, जन मन हरनारा, ॐ जय जय जयकारा ।। 2 ।। खडग त्रिशुल धर खप्पर सोहे, डमरु कर धारा, वारी ड., अद्भूत रुप अनोखी रचना, मुकुट कुंडल सारा, ॐ जय जय जयकारा ।। 3 ।। ॐ ह्रीँ क्षाँ क्षः मंत्रबीज युत, नाम जपे ताहरा, वारी ना., रिद्धि सिद्धि अरु सम्पद मनोहर, जीवन सुखकारा, ॐ जय जय जयकारा ।। 4 ।। कुशल कर तेरा नाम लिया नित, आनन्द करनारा, वारी आ., रोग शोक दुःख दारिद्र हरता, वांछित दातारा, ॐ जय जय जयकारा ।। 5 ।। श्रीफल लापसी मातर सुखडी, लड्डु तेलधारा वारी ल., धुप दीप फूल माल आरति, नित नये रविवारा, ॐ जय जय जयकारा ।। 6 ।। वैयावच्च करता संघ तेरी, ध्यान अडग धारा, वारी ध्या., ‘हिंमत’ ‘हित’ से चित में धरता, ‘भव्यानंद’ प्यारा, ॐ जय जय जयकारा ।। 7 ।। दो हजारके शुभ संवत्सर, पोष मास रसाला, वारी पो., श्री संघ मिलकर करे आरति, मंगल शिव माला, ॐ जय जय जयकारा ।। 8 ।। For more a