Biography of Aacharya Shri Navratna SagarJi Ma. Sa. | आचार्य श्री नवरत्न सागर जी मा. सा. का जीवन परिचय
आचार्य श्री नवरत्न सागर जी मा. सा. का जीवन परिचय
संसारी नाम -
रतन पोसित्रा (पोरवाल)
माता जी का नाम -
मणि बेन
पिता जी का नाम -
लालचंद जी
जन्म दिवस -
चैत्र वदी ३ , विक्रम संवत १९९९
जन्म स्थान -
राजग्रही (राजगढ़ ) (म.प्र. ),
गच्चाधिपति का नाम -
आचार्य दौलातसागर जी मा. सा.
दीक्षा गुरु -
मालवदेश उद्धारक आचार्य श्री चन्द्र सागर जी मा. सा.
दीक्षा स्थल -
राजग्रही (राजगढ़ ) (म.प्र. ),
गच्छ -
तपागच्छ
समुदाय -
आचार्य श्री सगरानंद सूरी जी
प्रतिष्ठा -
शंखेश्वर आगम मंदिर सहित लगभग १२५ मंदिरों की प्रतिष्ठा करवाई
अंजनशलाका -
भक्ताम्बर महातीर्थ, धार (म.प्र. ), शंखेश्वर आगम मंदिर आदि।
नूतन जिनालय -
भक्ताम्बर महातीर्थ, धार (म.प्र. ), शंखेश्वर आगम मंदिर।
जीर्णोद्धार -
भोपावर महातीर्थ, गिनकार गिरी तीर्थ, श्री सिद्धचक्र मंदिर उज्जैन, आदिनाथ जैन मंदिर अरनोद।
तपावली -
गुरुदेव के तप एवं जप को शब्दों के सागर में बांधा नहीं जा सकता।
पुस्तकें -
नवरत्न मंजूषा
मुखपत्र (मैगजीन) -
आगमोद्धारक, नित्य संस्कृति, जय नवरत्न सन्देश।
विशेषताएँ -
शब्दों मा अमृत बरसेप्रेम ना है भंडार।एवा गुरु नवरत्न वन्दियेंसुख शांति दातार।।
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संपादन एवं प्रकाशन पूर्णतः अवैतनिक एवं अव्यावसायिक होने के कारण प्रकाशित रचनाओं पर मानदेय का कोई प्रावधान नहीं है । इसमें प्रकाशन के बाद आप अपनी रचनाएँ किसी भी मुद्रित माध्यम के लिए अवश्य भेज सकते हैं । अन्यत्र इस सामग्री का उपयोग करने पर जैनिज़्म संसार के सौजन्य का उल्लेख अवश्य कीजिए ।
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Pls correct the information
जवाब देंहटाएंName ratan positra
Dob chetra vadi 3
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