एक आदमी मर गया| जब उसे महसूस हुआ तो उसने
देखा कि भगवान उसके पास आ रहे हैं और उनके हाथ में एक सूट केस है|
■भगवान ने कहा~पुत्र चलो अब समय हो गया|
○○○आश्चर्यचकित होकर○○○
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□आदमी ने जबाव दिया~ अभी इतनी जल्दी?
अभी तो मुझे बहुत काम करने हैं, मैं क्षमा चाहता हूँ,
किन्तु अभी चलने का समय नहीं है|
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□आपके इस सूट केस में क्या है?
■भगवान ने कहा~ तुम्हारा सामान|
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□मेरा सामान? आपका मतलब है, कि मेरी वस्तुएं, मेरे कपडे, मेरा धन?
■भगवान ने प्रत्युत्तर में कहा~ये वस्तुएं तुम्हारी नहीं हैं, ये तो पृथ्वी से सम्बंधित हैं|
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□आदमी ने पूछा~ मेरी यादें?
■भगवान ने जबाव दिया ~ वे तो कभी भी तुम्हारी नहीं थीं, वे तो समय की थीं|
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□फिर तो ये मेरी बुद्धिमत्ता होंगी?
■भगवान ने फिर कहा~ वह तो तुम्हारी कभी भी नहीं थीं, वे तो परिस्थिति जन्य थीं|
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□तो ये मेरा परिवार और मित्र हैं?
■भगवान ने जबाव दिया~ क्षमा करो वे तो कभी भी तुम्हारे नहीं थे, वे तो राह में मिलने वाले पथिक थे|
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□फिर तो निश्चित ही यह मेरा शरीर होगा?
■भगवान ने मुस्कुरा कर कहा~ वह तो कभी भी तुम्हारा नहीं हो सकता क्योंकि वह तो राख है|
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□तो क्या यह मेरी आत्मा है?
■ भगवान ने कहा~ नहीं वह तो मेरी है|
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○○○भयभीत होकर आदमी ने भगवान के हाथ से सूट केस ले लिया और उसे खोल दिया यह देखने के लिए कि सूट केस में क्या है| वह सूट केस खाली था|
○○○आदमी की आँखों में आंसू आ गए और...
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उसने कहा~ मेरे पास कभी भी कुछ नहीं था|
■■■भगवान ने जबाव दिया~ यही सत्य है, प्रत्येक क्षण जो तुमने जिया, वही तुम्हारा था|
जिंदगी क्षणिक है और वे ही क्षण तुम्हारे हैं|
इस कारण जो भी समय आपके पास है, उसे भरपूर जियें|
आज में जियें, अपनी जिंदगी जिए|
खुश होना कभी न भूलें, यही एक बात महत्त्व रखती है|
भौतिक वस्तुएं और जिस भी चीज के लिए आप यहाँ लड़ते हैं, मेहनत करते हैं|
आप यहाँ से कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं||||
तेरा यहाँ कुछ भी नहीं |
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