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जुलाई, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जीवन जियें - अच्छे दिन सब यहीं हैं

● कभी कभी आप अपनी जिंदगी से असंतुष्ट, निराश ओर परेशान हो जाते हैं, जबकि दुनिया में उसी समय कुछ लोग आपकी जैसी जिंदगी जीने का सपना देख रहे होते हैं। ● घर पर खेत में खड़ा बच्चा आकाश में उड़ते हवाई जहाज को देखकर उड़ने का सपना देख रहा होता है, परंतु उसी समय हवाई जहाज का पायलट खेत ओर बच्चे को देख घर लौटने का सपना देख रहा होता है। यही जिंदगी है। जो तुम्हारे पास हे उसका मजा लो। ● अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही खुशहाल होने का सीक्रेट होता, तो अमीर लोग सड़कों पर नाचते दिखाई पड़ते, लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे ऐसा करते दिखाई देते हैं। ● अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से सुरक्षा आ जाती तो नेता अधिकारी बिना सिक्युरिटी के नजर आते, उन्हें धमकियाँ नहीं मिलती, उन्हें बेचैनी नहीं होती। परन्तु जो सामान्य जीवन जीते हैं, वे चैन की नींद सोते हैं। ● अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि मजबूत रिश्ते कायम कर सकती तो सेलीब्रिटीज् की शादियाँ सबसे सफल होती। ● इसलिए दोस्तों, इसकी उसकी देखा देखी में ना पड़े...यह जिंदगी सभी के लिए अत्यंत खुबसुरत है...इसको जी भरकर जीयों, इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ...क्यो

बहानो की अर्थी या सफलता का जनाजा

बहानो की अर्थी या सफलता का जनाजा चुनिए ? 1 - मुझे उचित शिक्षा लेने का अवसर नही मिला अचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नही मिला । 2- बचपन मे ही मेरे पिता का देहाँत हो गया था प्रख्यात संगीतकार ए . आर . रहमान के पिता का भी देहांत बचपन मे हो गया था। 3 - मै अत्यंत गरीब घर से हू पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे । 4- बचपन से ही अस्वस्थ था आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलिन भी बचपन से बहरी व अस्वस्थ थी । 5 -मैने साइकिल पर घूमकर आधी जिंदगी गुजारी है निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकिल पर निरमा बेचकर आधी जिन्दगी गुजारी । 6- एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गयी प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन के पैर नकली है । 7 - मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है थामस अल्वा एडीसन को भी बचपन से मंदबुद्धि कहा जाता था। 8 - मै इतनी बार हार चूका अब हिम्मत नही अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने। 9 - मुझे बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी

जैनिज़्म संसार - सुविचार - Suvichar

 

देखें अंतर की ओर

Jio aur jine Do कबूतर के एक जोड़े ने अपने लिए घोंसला बनाया . परंतु जब कबूतर जोड़े उस घोंसले में रहते तो अजीब बदबू आती रहती थी . उन्होंने उस घोंसले को छोड़ कर दूसरी जगह एक नया घोंसला बनाया . मगर स्थिति वैसी ही थी . बदबू ने यहाँ भी पीछा नहीं छोड़ा . परेशान होकर उन्होंने वह मोहल्ला ही छोड़ दिया और नए मोहल्ले में घोंसला बनाया . घोंसले के लिए साफ सुथरे तिनके जोड़े . मगर यह क्या ! इस घोंसले में भी वही , उसी तरह की बदबू आती रहती थी . थक हार कर उन्होंने अपने एक बुजुर्ग , चतुर कबूतर से सलाह लेने की ठानी और उनके पास जाकर तमाम वाकया बताया . चतुर कबूतर उनके घोंसले में गया , आसपास घूमा फिरा और फिर बोला – " घोंसला बदलने से यह बदबू नहीं जाएगी . बदबू घोंसले से नहीं , तुम्हारे अपने शरीर से आ रही है . खुले में तुम्हें अपनी बदबू महसूस

जिनवचन - जिनवाणी

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