Jio aur jine Do |
कबूतर के एक जोड़े ने अपने लिए घोंसला बनाया. परंतु जब कबूतर जोड़े उस घोंसले में रहते तो अजीब बदबू आती रहती थी.
उन्होंने उस घोंसले को छोड़ कर दूसरी जगह एक नया घोंसला बनाया. मगर स्थिति वैसी ही थी. बदबू ने यहाँ भी पीछा नहीं छोड़ा.
परेशान होकर उन्होंने वह मोहल्ला ही छोड़ दिया और नए मोहल्ले में घोंसला बनाया. घोंसले के लिए साफ सुथरे तिनके जोड़े. मगर यह क्या! इस घोंसले में भी वही, उसी तरह की बदबू आती रहती थी.
थक हार कर उन्होंने अपने एक बुजुर्ग, चतुर कबूतर से सलाह लेने की ठानी और उनके पास जाकर तमाम वाकया बताया.चतुर कबूतर उनके घोंसले में गया, आसपास घूमा फिरा और फिर बोला – "घोंसला बदलने से यह बदबू नहीं जाएगी. बदबू घोंसले से नहीं, तुम्हारे अपने शरीर से आ रही है. खुले में तुम्हें अपनी बदबू महसूस नहीं होती, मगर घोंसले में घुसते ही तुम्हें यह महसूस होती है और तुम समझते हो कि बदबू घोंसले से आ रही है. अब जरा अपने आप को साफ करो.दुनिया जहान में खामियाँ निकालने और बदबू ढूंढने के बजाए अपने भीतर की खामियों और बदबू को हटाएँ. दुनिया सचमुच खूबसूरत, खुशबूदार हो जाएगी
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