✍ज्ञान से बडी कोई शक्ति नहीं, ✍ज्ञान से बडा कोई बल नही, ✍ज्ञान से बड़ा कोई धन नही, ✍ज्ञान से बड़ी कोई पूजा नहीं, ✍ज्ञान से बड़ी कोई साधना नहीं, ✍ज्ञान से बड़ी कोई आराधना नहीं, ज्ञान पंचमी की आराधना.. ज्ञान की आराधना का दिन है। तीर्थंकर भगवान् महावीर ने अपनी देशना में कहा है... स्थाई सुख के साधन है... ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप l ◾सुख में बाधा डालने वाले है... क्रोध, मान, माया और लोभ l ❇ ये पाँच ज्ञान की आराधना में बाधक कारण है, अतः अह पंचहिं ठाणेहिं, जेहिं सिक्खा न लब्भइ । थंभा कोहा पमाएणं, रोगेणालस्सए णय प ।। अर्थात् : अहंकार, क्रोध, प्रमाद, रोग और आलस्य... ज्ञान-प्राप्ति में बाधक कारण है l *********************************** ज्ञानपंचमी दिवस की क्रिया - आराधना... *********************************** जिनालय में जाकर बच्चों द्वारा ज्ञान के साधन : पुस्तक काँपी, पैन, पैसिल आदि चढवाकर ज्ञान की वासक्षेप से पुजा जरूर कराये l आज से ज्ञान पंचमी की आराधना तप शुरू करने का विधान है, जिसकी अवधि 5 वर्ष 5 माह होती है.... ज