२१ श्री नमीनाथ जी | |
जन्म स्थान | मिथिला |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | विजया राजा |
माता जी | विपरा रानी |
चिन्ह / प्रतिक | हरा कमल |
इक्कीसवें तीर्थंकर नमिनाथ के पिता का नाम विजय और माता का नाम सुभद्रा/विपरा (सुभ्रदा-वप्र)था। आप स्वयं मिथिला के राजा थे। आपका जन्म इक्ष्वाकू कुल में श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मिथिलापुरी में हुआ था। आषाढ़ मास के शुक्ल की अष्टमी को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कैवल्य की प्राप्ति हुई। वैशाख कृष्ण की दशमी को सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार आपका प्रतीक चिह्न- उत्पल (हरा कमल ), चैत्यवृक्ष- बकुल, यक्ष- गोमेध, यक्षिणी- अपराजिता।
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