८ श्री चंद्रप्रभु जी | |
जन्म स्थान | चंद्रपुर |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | महासेन राजा |
माता जी | सुलक्षणा देवी |
चिन्ह / प्रतिक | चन्द्रमा |
आठवें तीर्थंकर चंद्रप्रभु के पिता का नाम राजा महासेन तथा माता का नाम सुलक्षणा था। आपका जन्म पौष कृष्ण पक्ष की बारस के दिन चंद्रपुरी में हुआ। पौष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा फाल्गुन कृष्ण पक्ष सात को आपको कैवल्य ज्ञान की प्राप्ती हुई। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को आपको सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार आपका प्रतीक चिह्न- अर्द्धचंद्र, चैत्यवृक्ष- नागवृक्ष, यक्ष- अजित, यक्षिणी- मनोवेगा है।
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