१७ श्री कुंथुनाथ जी | |
जन्म स्थान | हस्तिनापुर |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | सूर्यसेन राजा |
माता जी | श्रीराणी माता |
चिन्ह / प्रतिक | बकरा |
सत्रहवें तीर्थंकर कुंथुनाथजी की माता का नाम श्रीराणी/श्रीकांता देवी (श्रीदेवी) और पिता का नाम राजा सूर्यसेन था। आपका जन्म वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हस्तिनापुर में हुआ था। वैशाख कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन दीक्षा ग्रहण की तथा चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। वैशाख शुक्ल पक्ष की एकम के दिन सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार आपका प्रतीक चिह्न-
बकरा , चैत्यवृक्ष- तिलक, यक्ष- गंधर्व, यक्षिणी- मानसी है।
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