१४ श्री अनंतनाथ जी | |
जन्म स्थान | अयोध्या |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | सिम्हासेना राजा |
माता जी | सुजासा माता |
चिन्ह / प्रतिक | बाज |
चौदहवें तीर्थंकर अनंतनाथजी की माता का नाम सुजासा (सर्वयशा) तथा पिता का नाम सिहसेन था। आपका जन्म अयोध्या में वैशाख कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी (13) के दिन हुआ। वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी (14) को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा कठोर तप के बाद वैशाख कृष्ण की त्रयोदशी के दिन ही कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। चैत्र शुक्ल की पंचमी के दिन आपको सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त हआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार उनका प्रतीक चिह्न-
बाज , चैत्यवृक्ष- पीपल, यक्ष- किन्नर, यक्षिणी- वैरोटी है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें