६ श्री पद्मप्रभु जी | |
जन्म स्थान | कौशाम्बी |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | धरण राजा |
माता जी | सुशीमा देवी |
चिन्ह / प्रतिक | कमल |
छठवें तीर्थंकर पद्मप्रभुजी के पिता का नाम धरण राज और माता का नाम सुसीमा देवी था। कार्तिक कृष्ण पक्ष की द्वादशी को आपका जन्म वत्स कौशाम्बी में हुआ। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन आपको कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आपको सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार उनका प्रतीक चिह्न- कमल, चैत्यवृक्ष- प्रियंगु, यक्ष-मातंग, यक्षिणी- अप्रति चक्रेश्वरी है।
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