१५ श्री धर्मनाथ जी | |
जन्म स्थान | रत्नापुरी |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | भानु राजा |
माता जी | सुव्रिता माता |
चिन्ह / प्रतिक | वज्र |
पंद्रहवें तीर्थंकर श्री धर्मनाथ के पिता का नाम भानु और माता का नाम सुव्रिता (सुव्रत) था। आपका जन्म मघा शुक्ल की तृतीया (3) को रत्नापुर में हुआ था। मघा शुक्ल की त्रयोदशी को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा पौष की पूर्णिमा के दिन आपको कैवल्य की प्राप्ति हुई। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की पंचमी को सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार आपका प्रतीक चिह्न- वज्र, चैत्यवृक्ष- दधिपर्ण, यक्ष- किंपुरुष, यक्षिणी- सोलसा।
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