१२ श्री वासुपूज्य जी | |
जन्म स्थान | चम्पापुरी |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | वासुपूज्य राजा |
माता जी | विजया माता |
चिन्ह / प्रतिक | भैसा |
बारहवें तीर्थंकर वासुपूज्य प्रभु के पिता का नाम वसुपूज्य (Vasupujya) और माता का नाम विजया था। आपका जन्म फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (14) को चंपापुरी में हुआ था। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा मघा की दूज (2) को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ती हुई। आषाड़ के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को चंपा में आपको निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार आपका प्रतीक चिह्न- भैंसा, चैत्यवृक्ष- तेंदू, यक्ष- षणमुख, यक्षिणी- गौरी है।
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