१० श्री शीतलनाथ जी | |
जन्म स्थान | भद्रपुर |
निर्वाण स्थान | सम्मेद शिखरजी |
पिता जी | द्रिधाराथा राजा |
माता जी | सुनन्दा माता |
चिन्ह / प्रतिक | कल्प वृक्ष |
दसवें तीर्थंकर शीतलनाथ के पिता का नाम द्रिधाराथा (Dridharatha) और माता का नाम सुनंदा था। आपका जन्म माघ कृष्ण पक्ष की द्वादशी (12) को बद्धिलपुर (Baddhilpur) में हुआ। मघा कृष्ण पक्ष की द्वादशी को आपने दीक्षा ग्रहण की तथा पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (14) को आपको कैवल्य ज्ञान की प्राप्ती हुई। बैशाख के कृष्ण पक्ष की दूज को आपको सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों अनुसार आपका प्रतीक चिह्न- कल्पतरु/कल्पवृक्ष, चैत्यवृक्ष- धूलि (मालिवृक्ष), यक्ष- ब्रह्मेश्वर, यक्षिणी- ज्वालामालिनी है।
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